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Title: कैसे टूटेगा वायरसों का सिलसिला
Authors: Verma, Sanjay
Issue Date: 2023
Publisher: Cyber Tech Publications
Abstract: मर्ज बढ़ता गया, ज्यों-ज्यों हुआ इलाज यह एक चर्चित कहावत है। वर्ष 2019 में कोरोना वायरस से पैदा महामारी कोविड-19 के संदर्भ में कुछ ज्यादा ही सटीक बैठी थी। उस दौर में जब पूरी दुनिया में एक ओर इसके टीकाकरण के अभियान रफ्तार पकड़ रहे थे, तो दूसरी तरफ कोरोना के नए से नए स्वरूप (वैरिएंट्स) आम लोगों, वैज्ञानिकों, चिकित्सकों और सरकारों तक को चिंता में डाल रहे थे। कहा जाने लगा था कि इलाज और टीकाकरण के प्रयासों के बीच कोरोना वायरस अपना रूप बदल रहा है। वायरसों के संदर्भ में इसे म्यूटेशन (उत्परिवर्तन) कहते हैं। खतरा सिर्फ नए वैरिएंट सामने आने का नहीं है। बल्कि यह है कि अपने भाई-बंदों के मुकाबले ये नए रूप ज्यादा खतरनाक साबित न हों। इधर कुछ वर्षों से दूध की जली सरकारें छाछ भी फूंक कर पी रही हैं। इसलिए आशंकाओं का दौर जोरों पर चलने लगता है।
URI: http://lrcdrs.bennett.edu.in:80/handle/123456789/2564
ISSN: 978-93-5053-915-6
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