nanoll extt
Please use this identifier to cite or link to this item: http://lrcdrs.bennett.edu.in:80/handle/123456789/2564
Full metadata record
DC FieldValueLanguage
dc.contributor.authorVerma, Sanjay-
dc.date.accessioned2024-05-11T12:23:04Z-
dc.date.available2024-05-11T12:23:04Z-
dc.date.issued2023-
dc.identifier.issn978-93-5053-915-6-
dc.identifier.urihttp://lrcdrs.bennett.edu.in:80/handle/123456789/2564-
dc.description.abstractमर्ज बढ़ता गया, ज्यों-ज्यों हुआ इलाज यह एक चर्चित कहावत है। वर्ष 2019 में कोरोना वायरस से पैदा महामारी कोविड-19 के संदर्भ में कुछ ज्यादा ही सटीक बैठी थी। उस दौर में जब पूरी दुनिया में एक ओर इसके टीकाकरण के अभियान रफ्तार पकड़ रहे थे, तो दूसरी तरफ कोरोना के नए से नए स्वरूप (वैरिएंट्स) आम लोगों, वैज्ञानिकों, चिकित्सकों और सरकारों तक को चिंता में डाल रहे थे। कहा जाने लगा था कि इलाज और टीकाकरण के प्रयासों के बीच कोरोना वायरस अपना रूप बदल रहा है। वायरसों के संदर्भ में इसे म्यूटेशन (उत्परिवर्तन) कहते हैं। खतरा सिर्फ नए वैरिएंट सामने आने का नहीं है। बल्कि यह है कि अपने भाई-बंदों के मुकाबले ये नए रूप ज्यादा खतरनाक साबित न हों। इधर कुछ वर्षों से दूध की जली सरकारें छाछ भी फूंक कर पी रही हैं। इसलिए आशंकाओं का दौर जोरों पर चलने लगता है।-
dc.publisherCyber Tech Publicationsen_US
dc.titleकैसे टूटेगा वायरसों का सिलसिलाen_US
dc.typeBook Chapteren_US
Appears in Collections:Book Chapters_TSoM

Files in This Item:
File SizeFormat 
Ch_14_978-93-5053-915-6.pdf
  Restricted Access
1.32 MBAdobe PDFView/Open Request a copy

Contact admin for Full-Text

Items in DSpace are protected by copyright, with all rights reserved, unless otherwise indicated.