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Title: रासायनिक छिड़काव से बढ़ता खतरा
Authors: Verma, Sanjay
Issue Date: 2023
Publisher: Cyber Tech Publications
Abstract: मानव सभ्यता ने बीमारियों से बचाव के जो आधुनिक तौर-तरीके मेडिकल साइंस की तरक्की की बदौलत सीखे हैं, ऐसा लगता है कि कोरोना काल उन सभी का आजमाइश का दौर बन गया। बीते तीन-चार वर्षों में वैक्सीनों और नई दवाओं (खासकर एंटीबायोटिक दवाओं) को लेकर पूरी दुनिया में चल रहे प्रयोगों और नए दावों की बाढ़ सी आ गई है। अब हालत यह है कि विषाणुओं (वायरस) के हमले की कोई खबर आते ही अनगिनत सावधानियों और उपायों की आजमाइश का दौर शुरू हो जाता है। आजमाया जा रहा है। मास्क पहनने और हाथ धोते रहने की सावधानियों से बढ़कर ये एहतियाती उपाय फल-सब्जियों, कपड़ों और खुद को भी जहरीले केमिकल से कीटाणुनाशक करने तक बिना यह जाने पहुंच चुके हैं कि कहीं इनके दूरगामी दुष्प्रभाव तो नहीं होंगे। सैकड़ों किस्म के हैंड सैनिटाइडर और घर-मोहल्ला-सड़कें-दुकानें आदि कीटाणु-मुक्त करने के लिए सोडियम हाइपोक्लोराइड जैसे घातक रसायनों की बमबारी इस अंदाज में की जा रही है कि किसी भी कोने में किसी वायरस का अवशेष नहीं बचना चाहिए।
URI: http://lrcdrs.bennett.edu.in:80/handle/123456789/2555
ISSN: 978-93-5053-915-6
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