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Please use this identifier to cite or link to this item: http://lrcdrs.bennett.edu.in:80/handle/123456789/2553
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dc.contributor.authorVerma, Sanjay-
dc.date.accessioned2024-05-11T12:23:03Z-
dc.date.available2024-05-11T12:23:03Z-
dc.date.issued2023-
dc.identifier.issn978-93-5053-915-6-
dc.identifier.urihttp://lrcdrs.bennett.edu.in:80/handle/123456789/2553-
dc.description.abstractवैश्विक संकट का एक प्रयोजन दुनिया की सभ्यताओं के परीक्षण का भी हो सकता है- कोविड 19 महामारी के दौरान कोरोना वायरस के प्रकोप से वर्ष 2019 से 2022 के बीच उत्पन्न स्थितियों में यह संदर्भ और भी प्रासंगिक हो गया था। दुनिया में लाखों संक्रमित लोगों और लाखों मौतों के साथ सवाल तो कई उठे, पर इसका एक चिंताजनक पहलू यह सामने आया कि कोरोना के सबसे ज्यादा निशाने पर दुनिया के वे बड़े और चमचमाते शहर रहे जिन्हें हर किस्म की समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। हम इस तथ्य को चाहकर भी नहीं भूल सकते कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति का केंद्र चीन का एक आधुनिक शहर वुहान था, जहां से फैलने के बाद इसने ईरान, इटली, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन समेत यूरोप-अमेरिका के कई शहरों को चपेट में ले लिया। क्या न्यूयॉर्क और क्या शंघाई दुनिया के कई देशों में पूरी तरह लॉकडाउन लगाना पड़ा महाशक्ति देश अमेरिका के सामने भी हालात तालाबंदी वाले हो गए। विडंबना यह है कि इस वक्त दुनिया की आधी आबादी शहरों में निवास कर रही है, जिससे कोरोना जैसे संक्रमणों के खतरे का अंदाजा लगाया जा सकता है।en_US
dc.publisherCyber Tech Publicationsen_US
dc.titleशहरीकरण से उपजते संकटen_US
dc.typeBook Chapteren_US
Appears in Collections:Book Chapters_TSoM

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